Getting My bhairav kavach To Work

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उद्यद्भास्करसन्निभं त्रिनयनं रक्ताङ्गरागस्रजं

ರಾಜ್ಯಂ ರಾಜ್ಯಶ್ರಿಯಂ ಪಾಯಾತ್ ಭೈರವೋ ಭೀತಿಹಾರಕಃ

सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः



ॐ श्मशानस्थो महारुद्रो महाकालो दिगम्बरः ।



तस्य भूतिं विलोक्यैव कुबेरोऽपि तिरस्कृतः ।

वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।

वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, click here यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।





न शक्नोमि प्रभावं वै कवचस्यास्यवर्णितुम्।

शङ्खवर्णद्वयो ब्रह्मा बटुकश्चन्द्रशेखरः ॥ ५॥

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